ढूँढ़ती हुई पी को
ठहर-ठहर कर
चुप हो जाती है पुकार
वह
कान लगा कर सुनती
है
आहट निःस्वर
ख़ामोशी में अपनी
बना दी है जिस ने
उस की पुकार
संगीत ।
—
21 अप्रैल, 2009
ढूँढ़ती हुई पी को
ठहर-ठहर कर
चुप हो जाती है पुकार
वह
कान लगा कर सुनती
है
आहट निःस्वर
ख़ामोशी में अपनी
बना दी है जिस ने
उस की पुकार
संगीत ।
—
21 अप्रैल, 2009