बरवै रामायण बालकाण्ड आरंभ
बरवै रामायण बालकाण्ड/पृष्ठ-1
( पद 1 से 5 तक) ,
(1)
बड़े नयन कुटि भृकुटी भाल बिसाल।
तुलसी मोहत मनहि मनोहर बाल।।ं।1।
(2)
कुंकुम तिलक भाल श्रुति कुंडल लोल।
काकपच्छ मिलि सखि कस लसत कपोल।2।
(3)
भाल तिलक सर सोहत भौंह कमान ।।
मुख अनुहरिया केवल चंद समान।3।
(4)
तुलसी बंक बिलोकनि मृदु मुसुकानि।
कस प्रभु नयन कमल अस कहौं बखानि।4ा
(5)
चढ़त दसा यह उतरत जात निदान।।
कहौं न कबहूँ करकस भौंह कमान।5।
(इति बरवै रामायण बालकाण्ड पृष्ठ 1)