बरस में
बस एक बार हैं धुलते
श्रद्धा से इसके नन्हें पांव
फिर हैं सबके
बंद दरवाजे़
कहाँ जायें
ये नन्हें पांव?
बस! एक दिन की देवी ये
फिर रहता है
विसर्जन जारी
कहाँ है
इस देवी की बाड़ी?
कहाँ है
इक बेटी का गाँव?
बरस में
बस एक बार हैं धुलते
श्रद्धा से इसके नन्हें पांव
फिर हैं सबके
बंद दरवाजे़
कहाँ जायें
ये नन्हें पांव?
बस! एक दिन की देवी ये
फिर रहता है
विसर्जन जारी
कहाँ है
इस देवी की बाड़ी?
कहाँ है
इक बेटी का गाँव?