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बर के गोदे झूलती रे बिटाऊ ढोला सात सहेलिन बीच / हरियाणवी

बर के गोदे झूलती रे बिटाऊ ढोला सात सहेलिन बीच
सातुन के मुख ऊजरे मेरी डाबर नैनी त्यारों मैलो क्यों भेख
सातुन के ढोला घर रहे रे बिटाऊ ढोला हमरे गये परदेस
संग चलो ते ले चलून मेरी डाबर नैनी चलो न हमारे साथ
सोने सूं कर दूं पीयरी मेरी डाबर नैनी चांदी सेत सपेत
आग लगाऊं तेरी पीयरी रे बिटाऊ ढोला मौछन बड़ो अंगार
डाढी तो जराऊं तेरे बाप की रे बिटाऊ ढोला जरी जाइयो सेत सपेत
उन पीयन की हम गोरड़ी रे बिटाऊ ढोला तुम से भरें कहार
एक बिटाऊ ढोला यूं कहै मेरी सासुल रानी चलो न हामरे साथ
कैसे तो बिन के कापरे मेरी बहुअल रानी कैसे सुरत उनिहार
धौरे ते बिन के कापरे मेरी सासुल रानी लौहरे देवर उनिहार
वेही तुम्हारे साहबा मेरी बहुअल रानी गई क्यूं ना बिन के साथ
भाजूं तो पहुंचूं नहीं मेरी सासुल रानी हेला देते आवै लाज