ऋतु राज बसंत के
पहुना कस अगुवानी बर
माघ के महीना
धरे लोट। भर पानी, खड़े हे
मोर बसंत आवत होही।
डोंगरी के परसा
अगनित पेडवा
बगिया के फूलवा
मोर बसंत आवत होही।
शृंगार हे अमुवा
मौरे हे डारी
गावत हे भंवरा
उड़ उड़ फुलवारी
पिंकयाय लागे महुआ
तेंदू अउ चार
आगे ऋतु राज, आगे ऋतु राज