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बस एक रुझान / प्रेमलता त्रिपाठी

सबका हो बस एक रुझान।
प्रतिभा का हो नित सम्मान।

सही न्याय का देंगे साथ,
सोच यही फिर बने महान।

योग्य कौन है करें चुनाव,
सफल योजना सत्य निदान।

व्यर्थ शोर करते वाचाल,
ज्ञानीजन सहते अपमान।

लोभ व्याल का दूजा नाम,
फँसते इसमें सभी अजान।

धरता मन ईर्ष्या का बोझ,
कटुता का करता जलपान।

आरक्षण का भूत सवार,
खो रहे हम सभी विधान।