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बहुत हो गया / असंगघोष

अब
बहुत हो गया
धर्म के झण्डाबरदारो!
मुँडेर पर बैठ
तालाब में
पत्थर फेंक कर
लहरें गिनना छोड़ दो,
वरना
हम तोड़ देंगे पाल
बहा देंगे
सारा का सारा पानी
तुम्हारें खेतों में,
खलिहानों में,
मकानों, और
तुम्हारे दकियानूसी विचारों में
तुम्हें नेस्तनाबूद करने।