बाजार
स्वतंत्र ताकत में
बदल चुका है
नचा रहा है कठपुतली की तरह
जनता
संसद
सरकार सबको
रुपया रहमोकरम पर है उसके
रातो -रात बदल सकता है
हमारी जेब में पड़ा
एक रुपए का सिक्का
दस पैसे में
बाजार
स्वतंत्र ताकत में
बदल चुका है
नचा रहा है कठपुतली की तरह
जनता
संसद
सरकार सबको
रुपया रहमोकरम पर है उसके
रातो -रात बदल सकता है
हमारी जेब में पड़ा
एक रुपए का सिक्का
दस पैसे में