गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 26 सितम्बर 2019, at 15:16
बाज़ार / अरुण चन्द्र रॉय
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
अरुण चन्द्र रॉय
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
मूर्तियाँ
जो बिक गई
ईश्वर हो गईं
पूजी गईं
जो बिक न सकी
मिट्टी रह गईं
मिट्टी में मिल गईं