एक ही घर में थीं कई घड़ियाँ
अलग था सबका समय
एक ही समय में थे कई कलेण्डर
मौसम भी एक नहीं थे दुनियाभर में
मैं सबसे ज़्यादा दुखी हुआ :
एक होने की शुरुआत बाज़ार से हो रही थी ।
एक ही घर में थीं कई घड़ियाँ
अलग था सबका समय
एक ही समय में थे कई कलेण्डर
मौसम भी एक नहीं थे दुनियाभर में
मैं सबसे ज़्यादा दुखी हुआ :
एक होने की शुरुआत बाज़ार से हो रही थी ।