बात
ज़रा सी बात थी
कि बात कोई थी ही नहीं
बेबात की वह बात थी
जो बिना बात को बतंगड़ बना गयी
जिसकी अन्धड़ में लुट-पिट गये हैं हम!
बात
ज़रा सी बात थी
कि बात कोई थी ही नहीं
बेबात की वह बात थी
जो बिना बात को बतंगड़ बना गयी
जिसकी अन्धड़ में लुट-पिट गये हैं हम!