बात किससे करूँ, पास हो भी कोई,
कौन टोके मुझे, फिर कहाँ खो गए?
पास थे एक दिन और तब क्या रहे!
दूर होके तुम्हीं आज क्या हो गए!
रात झपके नहीं, गंध के बंध में,
दल उघरने लगे, तब कहाँ सो गए?
धूल पर ओस ने जो लिखी थी कथा,
वह कथा तो कथा, धूल तक धो गए!