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बादल आना मेरे गाँव / राम करन

बरगद बाबा खड़े मिलेंगे,
जटा-जूट से बढ़े मिलेंगे।
झुककर छूना उनके पांव,
बादल! आना मेरे गाँव।

पके रसीले आम मिलेंगे,
लँगड़ा, बुढ़वा नाम मिलेंगे।
और मिलेगी पीपल छाँव,
बादल! आना मेरे गाँव।

घर-घर ठाड़े नीम मिलेंगे,
दातुन लिये हक़ीम मिलेंगे।
चिड़ियां करती 'ची-ची-चांव',
बादल! आना मेरे गाँव।

छम-छम-छम-छम बूंद गिरेंगे,
छप-छप-छप पतवार करेंगे।
तैराएँगे हम सब नाव,
बादल!आना मेरे गाँव।

हरे खेत में धान रहेंगे,
बहुत प्रेम-सम्मान करेंगे।
रुकना थोड़ा सबके ठाँव,
बादल! आना मेरे गाँव।