भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
झिनि-झिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा।
बना तारो फुवो नी आयो, तारा राज मा।
झिनि-झिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा।
बना तारो फुई नी आवी, तारा राज मा।
झिनि-झिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा।
- छोटे पत्तों वाली इमली के फूल आ रहे हैं, ऐसे में ब्याह हो रहा है। गीत में दूल्हे से पूछा गया है कि- दूल्हे राजा! तेरे राज में बुआ, फूफा और बहिन नहीं आई हैं।