Last modified on 29 अगस्त 2014, at 23:15

बानी / यतीन्द्र मिश्र

उसने बानी दिया
जैसे रेत में ढूँढ़कर पानी दिया

उसने बानी दिया
जैसे रमैया से पूछकर
गुरु ग्यानी दिया

उसने बानी दिया
जैसे जीवन को नया मानी दिया.