ग़ुस्सा रहता हाथ भर।
मैडम जी की नाक पर।
बाबा रे! बाबा रे!
चश्मे से हैं देखतीं
सबके कान उमेठतीं,
चुप कर देतीं डाँट कर।
बाबा रे! बाबा रे!
हर दिन उनकी क्लास में--
जाना पड़ता है हमें,
पूरा ‘लेसन’ याद कर।
बाबा रे! बाबा रे!
ग़ुस्सा रहता हाथ भर।
मैडम जी की नाक पर।
बाबा रे! बाबा रे!
चश्मे से हैं देखतीं
सबके कान उमेठतीं,
चुप कर देतीं डाँट कर।
बाबा रे! बाबा रे!
हर दिन उनकी क्लास में--
जाना पड़ता है हमें,
पूरा ‘लेसन’ याद कर।
बाबा रे! बाबा रे!