मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बाबू हे जूता अहांक कुलपूज्य थिका
हिनका शीश नबाय प्रणाम करू
नहि करबै जँ लोक हँसैए
तखन तऽ जाति अहांक जायत हे
बाबू जे जता अहांक कुलपूज्य थिका
साष्टांग जोड़ि प्रणाम करू
अहांक बापो-पितामह एना पूजल
जुनि एना संकोच करू हे
बाबू हे जूता अहांक कुलपूज्य थिका