सारी खुशबूओं को दबाकर
मिट्टी की सोंधी महक
नाकों में आ रही है।
शायद बारिशों का
मौसम आने वाला है।
तभी तो जली यह धरती
फिर से खिल उठी।
सारी खुशबूओं को दबाकर
मिट्टी की सोंधी महक
नाकों में आ रही है।
शायद बारिशों का
मौसम आने वाला है।
तभी तो जली यह धरती
फिर से खिल उठी।