ये तो अच्छा हुआ
कि दर्द आँखों के रास्ते
बाहर आ
सावन से मिल गया
बारिश की लड़ियों से
मिल गया दर्द
और तोड़ दी कितनी बन्दिशें
पहरे और क़समें ।
ये तो अच्छा हुआ
कि दर्द आँखों के रास्ते
बाहर आ
सावन से मिल गया
बारिश की लड़ियों से
मिल गया दर्द
और तोड़ दी कितनी बन्दिशें
पहरे और क़समें ।