बाद बारिश के
मिट्टी से उठती हुई
सोंधी खुशबू
यहाँ नहीं मिलती।
सब्जियों में स्वाद, फ़ूलों में सुगन्ध
सम्बन्धों में आत्मीयता
नहीं मिलती।
सतह पर सब सुखद था
जब तक भीगे नहीं थे।
यह तो बारिश के बाद का सच है!
बाद बारिश के
मिट्टी से उठती हुई
सोंधी खुशबू
यहाँ नहीं मिलती।
सब्जियों में स्वाद, फ़ूलों में सुगन्ध
सम्बन्धों में आत्मीयता
नहीं मिलती।
सतह पर सब सुखद था
जब तक भीगे नहीं थे।
यह तो बारिश के बाद का सच है!