♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
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बालो छ बदरी, झुमैलो
परबत आई, झुमैलो
गढ़वाल आई, झुमैलो
दिनु का दाता, झुमैलो
राजा का सामी, झुमैलो
भावार्थ
--'बदरी बालक है--झुमैलो!
वह पर्वत पर आ गया-- झुमैलो!
वह गढ़वाल में आ गया-- झुमैलो!
वह दीनों का दाता है--झुमैलो!
वह राजा का स्वामी है--झुमैलो!