Last modified on 29 जून 2017, at 12:24

बाळपणौ / दुष्यन्त जोशी

डेढ बाई दो रौ
कांच रौ बक्सौ
गिटग्यौ
टाबरां रौ
बाळपणौ

जदी तो
सिंझ्या हुंवतांईं
गांव री गळ्यां
हुय जावै सूनी
अर चौफेर पसरै मून।