मौसम
चाय पीते-पीते बदल जाता है
और गाँव
कभी दिखाई ही नहीं देता
भविष्य
हमेशा दो घंटा दूर रहता है
थक जाने पर मदद नहीं करता
इतनी सारी बातों के बीच रहती है
घर से बाहर निकलने की ज़ुरूरत।
मौसम
चाय पीते-पीते बदल जाता है
और गाँव
कभी दिखाई ही नहीं देता
भविष्य
हमेशा दो घंटा दूर रहता है
थक जाने पर मदद नहीं करता
इतनी सारी बातों के बीच रहती है
घर से बाहर निकलने की ज़ुरूरत।