मेरी छोटी बिटिया ने
बनाई एक गुड़िया
हमारे जाने
उसने निकाले उसके बड़े-बड़े हाथ
लम्बे-लम्बे पैर
बातें करने के लिए
खोले उसके मुँह, कान
बिटिया दिन भर हँसाती है उसे
रुलाती है बार-बार
इतना प्यार देती है मेरी बिटिया,
कि
ज़िन्दा हो जाती है गुड़िया
करने लगती है वह भी प्यार
वह समझने लगती है पापा से ज़्यादा
बतियाने मम्मी से ज़्यादा
वह अपने पैरों से चल कर जाती है
और ऑफ़ कर देती है टी०वी०
हमारे बिना जाने ।