अे बिरखा
थूं जद आवै
तद प्रकृति रौ
रोम-रोम खिल ज्यावै
उण टैम
माटी री सौरम
कित्ती मन भावै
ईंरै सामै
सगळा सैंट अर डीओ
फेल हुज्यावै।
अे बिरखा
थूं जद आवै
तद प्रकृति रौ
रोम-रोम खिल ज्यावै
उण टैम
माटी री सौरम
कित्ती मन भावै
ईंरै सामै
सगळा सैंट अर डीओ
फेल हुज्यावै।