गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 10 मई 2014, at 07:21
बिरछ / संतोष मायामोहन
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
संतोष मायामोहन
»
मंडाण
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
बिरछ
सूंपै पात
नव पल्लव पांगरै।
म्हूं
सूंपूं
देह,
पाऊं
नव देह-धर।