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बिरद बिहाणा / 5 / राजस्थानी

उठ राणा उठ रावजी थे तो उठोजी कासबजी रा जोध बिहाणा ओ राज उजला।
थां घर सूता न सरे थां के घर छै सेवकड़ारो ब्याव बिहाणा ओ राजा बलिहाणा।
उठ राज उठ राजवी थे तो उठो जी चन्द्रमाजी आप बिहाणा ओ राजा बलिहाणा।
थां घर सूतां नां सरे थांकी नगरी में हो रह्यो आणंद उछाव बिहाणा ओ राजा बलिहाणा।
उठ राजा उठ राजवी थे तो उठो जी विनायक जी आप। बिहाणा...
थां घर सूतां नांसरे थांके घर छै जी सेवकड़ा के ब्याव रिद्ध-सिद्ध ल्याय बिहाणा
ओ राजा बलिहाणा।
उठ राणा उठ रावजी थेतो ऊठी जी किणाराम जी रा जोध बियाणा
ओ राजा उजलो थाने सूता क्यों सरे थांके घर छैजी बेटां रो ब्याव
बिहाणा ओ राज उजला बलिहाणा।
ल्यो चरी ल्यो जेवड़ी किणारामजी ओ थांरी भूरड़ी ने दूह बिहाणा
ओ राजा उजला बलिहाणा।
उठ गौरी उठ सांवली थे तो उठो ये साजनियां री धीय बिहाणा ओ राजा उजला बिहाणां।
उठ राणा उठ राजवी थे तो ऊठोजी जवांया रो साथ। बिहाणा ओ राजा उजला
थां घर सूतां ना सरे थां घर छै जी सालां का ब्याव। बिहाणा ओ राज उजला
ल्यो नोली ल्यो कोथली दमड़ा खर्चो जी बेटा रा ब्याव। बिहाणा ओ राज उजला
दूध कढ़े दूध आवटे दूध पीवे जी बो धायां रो साथ। बिहाणा ओ राज उजला
उठे गौरी उठ सांवली थे उठो ये किणारमजी री धीय। बिहाणा ओ राज उजला
थां घर सूतां ना सरे थां घर छै जी भायां को ब्याव आरतियां संजोय बिहाणा ओ
राज उजला बिहाणा।
थांका हाथां में दांती चुड़लो थारा कांकण है, राण्या रतन जड़ाय बियाणा ओ राजा उजला
उठ बाया उठ बाइसा थे तो उठो ये बायां आरतियां संजोय बियाणा। ओ राजा