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बिसन / कन्हैया लाल सेठिया

गैला !
क्यूं करै
भेळा
सबदां रा
 गळगचिया
 मत पोख
नैणां रो बिसन
हुज्यासी
ऊकचूक
अंतस दीठ
बण ज्यासी
जड़ दरब
चेतणा रा ईठ
रै ज्यासी अदीठ
बै अणमोल रतन
जका करै
मिनख नै
वसीठ !