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बीच जमुनमा हे कोसी माय / अंगिका

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बीच जमुनमा हे कोसी माय
कदम के गाछ हे
ओहि चाढ़ि कोसी पारे हाक हे
कहाँ गेलै किए भेलो झिमला मल्लाह रे
जल्दी से उतारें पार रे
टूटलियो नइया हे कोसी माय
टूटल करूवारि हे
कौन विधि उतारब पार हे
जोड़ि लेबेइ नइया रे झिमला
जोड़ब करूवारि रे,
हिंगुर ढोरब दुनू मांगि रे
खने-खने खेबै रे मलहा,
खने भसियाबे रे
खने मांगे घटवारि रे
एहि पार देबौ रे झिमला
पाकल बीड़ा पान रे
ओहि पार गला गिरमल हार रे ।