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बीच में / चंद्र रेखा ढडवाल


बीच में
हँसती है
रोती है
पर हँसने
रोने के बीच
ज़्यादा होती है औरत
सुलगती है बुझती है
पर सुलगने बुझने के बीच
ज़्यादा होती है औरत
...
बस्ती है
बुझती है
पर बसने
उजड़ने के बीच
ज़्यादा होती है औरत.