Last modified on 2 अगस्त 2020, at 23:04

बीज / कुमार अंबुज

यदि इस वीडियो के साथ कोई समस्या है तो
कृपया kavitakosh AT gmail.com पर सूचना दें

जो पराजित है वह धन है संसार का
यह हवा बहेगी
एक हारे हुए का जीवन सँभालने के लिए ही
जो जानती है कि पराजित होना जिंदगी से बाहर होना नहीं
दाखिल होना है एक विशाल दुनिया में
जिंदगी में दाखिल हो गए इस व्यक्ति को
ईर्ष्या और प्रशंसा और अचरज से
देखता है जीवन से बाहर खड़ा आदमी
वह समझ ही नहीं पाता है कि वह तो
फ्रेम से बाहर खड़ा हुआ प्रेक्षक है एक
जो पराजित है और टूट नहीं गया है
वह
नए संसार के होने के लिए
एक नया बीज है !