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बीस / बिसुआ: फगुआ / सान्त्वना साह

चैत हे सखी अवध नगरिया, डगरिन चलली अगराय हे
दरदो सॅ व्याकुल, तीनहू रनिया, अन्न धन सोनमा लुटाय हे।

बैसाख हे सखी अक्षय तृतीया, खुललै कपाट बदरीनाथ हे
जमनोत्री गंगोत्री, हरिहर के द्वारे, करबै तीरथ चारो धाम हे।

जेठ हे सखी राही बटोहिया, पनिया लेॅ कुइयाँ तर जाय हे
हे कोयलो मैया, पीयेॅ देॅ पनिया, पनिया पताल चलली जाय हे।

अषाढ़ हे सखी बरसै सवनमा, चिलका चिलकौर हदियाय हे
कपसै जे धनिया, पीयैलेॅ पनिया, सुमरी केॅ गंगा कोसी माय है।

सावन हे सखी मोहन मुरलिया, रसिया कन्हैया डारे डार हे,
सखिया जे खेली कूदी, जमुना नहाबै, चुनरी चोराबै सरकार हे।

भादो हे सखी सुक्खो के नीनमा, सुतैछी चूड़ा गुड़ खाय हे
तारा जे गिनी गिनी, काटैछी रतिया, गीतवा पिरितिया के गाय हे।

आसिन हे सखी दसमी दसहरा, दसमुख दसानन सिर काट हे
हारलै अधर्मी, जीतलै सुधर्मी, पुष्पक विमान सिया साथ हे।

कातिक हे सखी पूजी धन्वन्तरी, जड़पात औषध गुण खान हे
नरक चतुर्दशी, छोटकी दिवाली, यम द्वारे दीया जगमगान हे।

अगहन हे सखी जनक ऐंगनमा, चारो भैया ऐलै बरियात हे
सिया बहिनिया, सजली दुल्हिनिया, युग युग रहे अहिवात हे।

पूस हे सखी फूसफास दिनम, धनमा के उसना कूटान हे
जारै तिनछिया, तेसरे पहरिया, उगथैं भोरूकवा छुट्टा जान हे।

माघ हे सखी सागो के बटिया, पतिया हलहलो ललचाय हे
बूँटो संग जौ गहूँम, मटर खेसारी, सूरजमुखी मन भाय हे।

फागुन हे सखी देवरा होलिबा, घर घुसी बड़ी धमसाय हे
फगुआ के पुआ मेॅ, बड्डी गरमिया, जैथौं परदेसिया बौराय हें।