उम्र का अजीब पड़ाव
जिसमें
एकाकी जीवन असम्भव है
सहानुभूति, सहारा की हमदर्दी और
सहारे की
अधिक जरूरत
जो इस अवस्था के
अँधेरों से घिरे जीवन में
उजली किरण बन
जीवन के अन्तिम दिनों को
सुखद जगमगाहट देती
वृद्धावस्था वरदान है
अभिशाप नहीं।
उम्र का अजीब पड़ाव
जिसमें
एकाकी जीवन असम्भव है
सहानुभूति, सहारा की हमदर्दी और
सहारे की
अधिक जरूरत
जो इस अवस्था के
अँधेरों से घिरे जीवन में
उजली किरण बन
जीवन के अन्तिम दिनों को
सुखद जगमगाहट देती
वृद्धावस्था वरदान है
अभिशाप नहीं।