Last modified on 10 फ़रवरी 2011, at 17:04

बुद्धि का लाइसेंस / दिनेश कुमार शुक्ल

ज्ञान आपका है
विज्ञान आपका है
खुदा आपका है
शैतान आपका है

दुनियाँ की सारी रिसर्च का खर्च
चूँकि आपने उठाया है
उदय और अस्त होगा
सूर्य अब आपसे ही पूछकर
आपके इशारे पर
ही बहेगी हवा
बिना दवा हमारी आबादी
खुद ही नियोजित हो जायेगी

आपकी अनुमति से ही
आयेंगे सुख के बौर
आपकी सहमति से ही
उठेगी आँधी दुख की

और इस दौर में
बिना आपसे लाइसेंस लिये
काम नहीं करेगी किसी की बुद्धि
बुद्धि भी एक अस्लहा है
बंदूक की तरह

घूमेंगे अशौच दशा में
नीम की दातून किये बिना लोग
लड़कियाँ कुंवारी रह जायेंगी
नहीं चढ़ेगी हल्दी, क्योंकि अब

नीम और हल्दी का पेटेन्ट
भी आप ही के नाम है

आप ही की सुबह है
आप ही की शाम है।