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बुला रहे गुलमुहर / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

गुलमुहर गुलमुहर, लाल फूल गुलमुहर
जागो तुम बेटा, देखो ये गुलमुहर
बुला रहे गुलमुहर गुलमुहर
धूप में चमकते प्यारे से लगते
धरती पर गिरते तो, पूजा-सी करते
गुलमुहर गुलमुहर बुला रहे गुलमुहर
पेड़ खूब घने हैं, छाँह इनकी गहरी
पंथी को देते छाया ग्रीष्म की दुपहरी
चित्र में उकेरे से लगते हैं गुलमुहर
गुलमुहर गुलमुहर बुला रहे गुलमुहर
जागो तुम झपट, देखो ये गुलमुहर