बूढ़ो समन्दर
सूतो सूतो
अचपळी लहराँ नै
गीरगटी कर’र रमावै,
लहराँ ऊँधी हुवै जणाँ
खूँजै में भेळा कर्योड़ा
संख-सीप तिसळ’र
रेत में रळ ज्यावै !
बूढ़ो समन्दर
सूतो सूतो
अचपळी लहराँ नै
गीरगटी कर’र रमावै,
लहराँ ऊँधी हुवै जणाँ
खूँजै में भेळा कर्योड़ा
संख-सीप तिसळ’र
रेत में रळ ज्यावै !