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बेटी होने की खुशी / रचना श्रीवास्तव

बेटी होने की खुशी
बेटी होने की खुशी
अब सिर्फ़
वेश्याएँ मनाएँगी
समाज के ठेकेदारों के घर
बेटियाँ कोख मे
दफ़न कर दी जाएँगी
काश!
गर्भ का अंधकार छोड़
वो दुनिया का उजाला देख पाती