Last modified on 9 मार्च 2018, at 15:30

बेड़ु पाको बारो मासा / कुमाँऊनी

   ♦   रचनाकार: बृजेन्द्र लाल शाह

बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

भुण भुण दीन आयो -२ नरण बुझ तेरी मैत मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

आप खांछे पन सुपारी -२, नरण मैं भी लूँ छ बीडी मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

अल्मोडा की नंदा देवी, नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

त्यार खुटा मा कांटो बुड्या, नरणा मेरी खुटी पीडा मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

अल्मोडा को लल्ल बजार, नरणा लल्ल मटा की सीढी मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २