Last modified on 14 जून 2017, at 08:18

बेरूत रो मेह / पृथ्वी परिहार

चैत री बेरुत बिरखा में
म्हारी देही धूजै
ऊभा हो जावै अणीचींती रा रुंआड़ा
म्हूं किणीं मा रा सुपना
किणीं बैन रै हाथां री पिळास
किरसा रै छऊ मईना री किरस
म्हैं खेत में ऊभी
खळां में पड़ी हाड़ी री फसल।