बैठे लाल फूलन की चौखंडी ।
चंपक बकुल गुलाब निवारो रायवेलि श्री खंडी ॥१॥
जाई जुई केवरो कुंजो कनक कणेर सुरंगी ।
चतुर्भुज प्रभु गिरिधर जु की बानिक दिन दिन नव नवरंगी ॥२॥
बैठे लाल फूलन की चौखंडी ।
चंपक बकुल गुलाब निवारो रायवेलि श्री खंडी ॥१॥
जाई जुई केवरो कुंजो कनक कणेर सुरंगी ।
चतुर्भुज प्रभु गिरिधर जु की बानिक दिन दिन नव नवरंगी ॥२॥