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बैरोमीटर / रमेश कौशिक


बैरोमीटर

अच्छा !
तुम चढ़ गये हिमालय की चोटी पर
जहाँ वायु का दबाव
बिल्कुल ‘ना’ जैसा
लेकिन अपनी आँख खोल
पल भर तो देखो
पारा
‘चुप’ से
कितना
नीचे
खिसक गया है ?