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भक्ति है यह / रघुवीर सहाय

भक्ति है यह
ईश गुण-गायन नहीं है
यह व्यथा है
यह नहीं दुख की कथा है
यह हमारा कर्म है, कृति है
यही निष्कृति नहीं है
यह हमारा गर्व है
यह साधना है—साध्य विनती है ।