♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
भक्ती भरमणा दुर करो,
आरे ठगाई नही जाणा
(१) कायन की साधु गोदड़ी,
आरे कायन का हो धागा
कोण पुरुष दर्जी भया
कुण सिवण हारा...
भक्ती...
(२) हवा की बणी साधु गोदड़ी,
आरे पवन का हो धागा
मन सुतार दर्जी भया
वो सिवण हारा...
भक्ती...
(३) काहाँ से आई रे हवा पवन,
आरे कहा से आया रे पाणी
कहा से आई रे मिर्गा लोचणी
कळु कब की छपाणी...
भक्ती...
(४) आग आई रे हवा पवन,
आरे पीछे आया रे पाणी
बीच म आई रे मिर्गा लोचणी
कळु जब की छपाणी...
भक्ती...
(५) धवळो घोड़ो रे मुख हंसळो,
आरे मोती जड़ीया रे लगाम
चंदा सुरज दुई पैगड़ा
प्रभू हूया असवार...
भक्ती...