प्रसंग:
श्रीकृष्ण को भेजने के लिए निवेदन।
हरदम बोलऽ राधेश्याम॥टेक॥
मोर मुकुट कर बंशी कइसन बा ओठ ललाम॥टेक॥
अलफी कछनी पैजनियां, निरखत सकल सरजाम।
प्रेम सहित नित्य कहीह, जइसन कहत ब्रजबाम॥ वाम॥
कहत ‘भिखारी’ भजि लऽ, खाली जीभ केहि काम॥ टेक॥
प्रसंग:
श्रीकृष्ण को भेजने के लिए निवेदन।
हरदम बोलऽ राधेश्याम॥टेक॥
मोर मुकुट कर बंशी कइसन बा ओठ ललाम॥टेक॥
अलफी कछनी पैजनियां, निरखत सकल सरजाम।
प्रेम सहित नित्य कहीह, जइसन कहत ब्रजबाम॥ वाम॥
कहत ‘भिखारी’ भजि लऽ, खाली जीभ केहि काम॥ टेक॥