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भजु मन नंदनंदन गिरिधारी / / प्रतापबाला

भजु मन नंदनंदन गिरिधारी।
सुख-सागर करुणा को आगर भक्तवछल बनवारी॥
मीरा करमा कुबरी सबरी तारी गौतमनारी।
वेद पुरानन में जस गायो ध्याये होवत प्यारी॥
जामसुता को स्याम चतुरभुज लेजा ख़बरि हमारी॥