भजु मन नंदनंदन गिरिधारी।
सुख-सागर करुणा को आगर भक्तवछल बनवारी॥
मीरा करमा कुबरी सबरी तारी गौतमनारी।
वेद पुरानन में जस गायो ध्याये होवत प्यारी॥
जामसुता को स्याम चतुरभुज लेजा ख़बरि हमारी॥
भजु मन नंदनंदन गिरिधारी।
सुख-सागर करुणा को आगर भक्तवछल बनवारी॥
मीरा करमा कुबरी सबरी तारी गौतमनारी।
वेद पुरानन में जस गायो ध्याये होवत प्यारी॥
जामसुता को स्याम चतुरभुज लेजा ख़बरि हमारी॥