गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 31 मार्च 2017, at 13:46
भय / आभा पूर्वे
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
आभा पूर्वे
»
गुलमोहर का गाँव
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
आज तो मैंने चाहा था
तुमसे प्यार की संपूर्णता
क्यों थरथरा गए तुम्हारे हाथ
संपूर्णता को समेटने में ।