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भविष्य के लिए / नरेश अग्रवाल

एक परिवर्तन की चाह जैसे डालियां अधिक प्रौढ़ हो गयी हों
वह धीरे से सर झुकाता फिर उठा लेता था
जैसे अभी बहुत अधिक भार ले सकता है
वह एक नयी दिशा तलाशने लगा था
जहां रुचिकर काम और अच्छी तनख्वाह हो,
इतने अधिक सुदृढ़ आधार वाला काम
कि कम से कम पांच वर्षों तक दूसरी ओर झांकना न पड़े
अपने लिए अत्यधिक चिंता कर रहा था वो
कल बच्चे होंगे और परिवार बूढ़ा हो चला होगा
अभी एक शक्ति है कि किसी भी काम को वो सीख ले
नये काम को भी पुराने की तरह कर सकता है वो
इस बार जो काम मिलेगा उसे
उसी पर भविष्य का आधार होगा
पुरानी जगह बस समय कटता रहा
सिर्फ लोभ था अत्यधिक अनुभव पाने का
अब लोभ है अपना भविष्य संवारने का।