Last modified on 26 अक्टूबर 2016, at 04:19

भागना था मुझे बहुत पहले / सुजाता

भागना था मुझे बहुत पहले
लगभग उन्हीं वक़्तों में
जब सोचती थी -'भागना कायरता है'

लेकिन,भागना हिम्मत भी होती है
उन वक़्तों में
जब भागा जाता है
असह्य व्यवस्थाओं के निर्मम मकड़जाल से बचकर
जब भाग निकलते हैं हम
उनके पास से
जिनकी कुण्ठाएँ धीरे- धीरे
ग्रस लेंगी हमारे व्यक्तित्व को

भाग जाना बहुत बहादुरी है
उन कमज़ोर पलों में जब
अत्याचारी के चरणों में शीश
झुकाए रखने की आदत पड़ने लगी हो
और उस हिम्मत के पल में भी
जब अत्याचारी को बदल देने का मूर्ख दम्भ जागने लगा हो

गढ्ने के लिए अपने मुहावरे हर एक को
भागने की कायरता या हिम्मत का निर्णय
अपनी पीठ पर उठाना होता है
इसलिए भागना था मुझे बहुत पहले

अब इन वक़्तों में
जब कि उन खूँखार चेहरों से नकाब हट गए हैं
उनकी ढिठाई आ गई है सबके सामने
हद्द है
कि न भाग पाने की अपनी स्वार्थी कायरता को
मैंने उधारी शब्दों की परछाईं में अभी -अभी देख लिया है।