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भाभी आई / जियाउर रहमान जाफरी

चंदा ने जब शादी रचाई
दुल्हन बनकर चांदनी आई

हुए बराती तारे सारे
आसमान के प्यारे-प्यारे

बादल ने किया ढोल बजाया
लिए रोशनी सूरज आया

बारातों में पहले आकर
चमकी बिजली खुशी मनाकर

गीत गई कोयल ने गाये
मोर ने अपने नाच दिखाए

बारिश बर्फ़ में ढल कर पहुंची
कपड़े नये बदलकर पहुंची

चांद को दी फिर सबने बधाई
चांदनी जैसी भाभी आई