चंदन छै अंग देश के माटी, कण-कण में भगवान छै
जेकरोॅ गर्व सें बोलै दुनियाँ, भारत देश महान छै ।
सत्य अहिंसा आरू प्रेम के, सबसें बढ़लोॅ दान छै
जेकरोॅ गर्व सें बोलै दुनियाँ, भारत देश महान छै ।
हरिश्चन्द्र आरू कर्ण सभ दानी, दुनियाँ में नय होतै
जेकरोॅ तेज सें देव लोक में, इन्द्रसन भी डोलै ।
बेटा के बलिदान जे देलकै, ई केन्होॅ इन्सान छै
जेकरोॅ गर्व सें बोलै दुनियाँ, भारत देश महान छै ।
चंदन छै अंग देश के माटी, चैपाई नगर में भैया
सती के तेज तोंय देखोॅ,
नारी के सम्मान में आपनोॅ, दोनों हाथ समेटोॅ
पति के प्राण बचावै खातिर, बिहुला के अरमान छै
जेकरोॅ गर्व सें बोलै दुनियाँ, भारत देश महान छै ।
चंदन छै अंग देश के माटी, अंगेजोॅ केॅ मारी भगैलकै,
अंग देश के बेटा नें, एतना ऊँच्चोॅ नाम करलकै
एगो छोटोॅ सिक्का नें ।
हय मत भूलियोॅ-कहियो, तिलकामांझी के बलिदान छै
जेकरोॅ गर्व सें बोलै दुनियाँ, भरत देश महान छै ।